विजय रुपाणी के बारे में जाने:Ex Gujarat Chief Minister Vijay Rupani

विजय रुपाणी के बारे में जाने-

विजय रुपाणी जी ने म्यांमार में जन्म लिया था और इन्हें गुजरात के दो बार मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का अहमदाबाद में एयर इंडिया बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटना में निधन हो गया।इस विमान में कुल क्रू मेंबर के साथ 242 यात्री सवार थे। यह विमान हादसा अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से टेकऑफ करने के एक-दो मिनट बाद पास में ही एक मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग पर 12 जून 2025 को हुआ।भाजपा नेता की याद में एक दिन का राजकीय शोक मनाया गया।
विजय रूपाणी एक ऐसा नाम जिसे भारतीय जनता पार्टी केवल एक नेता के तौर पर नहीं, बल्कि एक विचारधारा के सच्चे सिपाही के रूप में देखती है। विजय रुपाणी की आयु लगभग 68 साल थी। और वह लंदन अपनी पत्नी और बेटी से मिलने जा रहे थे। तभी विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई है

विय रुपाणी जी ने गुजरात में मुख्यमंत्री का पद ऐसे समय संभाला था जब वहां पर काफी उथल-पुथल चल रही थी। विजय रुपाणी जी 2016 में गुजरात के मुख्यमंत्री बनें थे। गुजरात के 16वें मुख्यमंत्री के रूप में काम किया और वह 2016 से 2021 तक मुख्यमंत्री रहे। 2021 में उन्होंने स्वेच्छा से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया, और एक बार फिर संगठन को प्राथमिकता दी। उनका यह फैसला न केवल राजनीतिक परिपक्वता को दिखाता है, बल्कि पार्टी के प्रति उनकी सच्ची निष्ठा भी उजागर करता है।

विजय रूपाणी के बारे में।
इनका पूरा नाम विजयकुमार रमणिकलाल रूपाणी है।
विजय रूपाणी का जन्म 02 Aug 1956 को म्यांमार (तत्कालीन बर्मा) की राजधानी रंगून में हुआ था। बताया जाता है कि साल 1960 में उनके पिता राजकोट वापस लौट आए। विजय रूपाणी जैन बनिया समुदाय से संबंध रखते हैं। उनके पिता एक व्यापारी थे। गुजरात आने के बाद उनकी पढ़ाई-लिखाई यहीं से होने लगी। विजय रुपाणी की पत्नी का नाम अंजलि रूपाणी है उनकी संतान की बात करे तो उनके बेटे रुषभ और बेटी राधिका हैं। उन्होंने अपने सबसे छोटे बेटे पुजित को एक सड़क हादसे में खो दिया था।

छात्र जीवन में ही विजय रूपाणी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) के साथ जुड़े गये थे। यहीं से एक छात्र कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। साल 1971 में वे जनसंघ से जुड़े।

विजय रुपाणी जी शुरू से ही एक ही पार्टी से जुड़े और कभी भी अपनी विचारधारा को बदला नही। बताया जाता है कि छात्र जीवन के समय से ही रूपाणी का झुकाव जनसंघ की ओर रहा है।ओर आगे चलकर विजय रूपाणी विधायक बने, राज्य में मंत्री रहे, राज्य सभा सांसद रहे। फिर उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री गुजरात की कमान भी संभाली।

बता दें कि साल 2014 में उन्होंने पहली बार विधानसभा चुनाव जीता। यह जीत उन्होंने उपचुनाव में हासिल की। वे भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गुजरात के राजकोट वेस्ट से विधायक बने।
वहीं, आगे चलकर जब 2014 में तत्कालीन गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने जब अपना कैबिनेट विस्तार किया, तो उसमें रूपाणी को मंत्रिमंडल में जगह मिल गयी। ओर उनको परिवहन, जल आपूर्ति, श्रम और रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई।

विजय रूपाणी का राजनीतिक जीवन काफी संघर्षशीलता से भरा है। यह उनके संघर्षशील कार्यकर्ता की कहानी है जो विचारधारा से चला, और उसी के बलबूते मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचा। उनके जीवन से यह साबित होता है कि राजनीति सिर्फ कुर्सी की नहीं, सोच और सेवा की भी होती है।

Leave a Comment